सुप्रीम कोर्ट
ने खुराना गाँव, जिला कैथल के बलकार सिंह की याचिका पर सुनवाई करने के बाद कई अपराधिक
मामलों में संलिप्त आरोपियों को तीन लाख रुपये का हर्जाना शिकायतकर्ता को देने के
आदेश दिए हैं ।
दरअसल,
वर्ष 2008 में खुराना
गाँव के सुरेन्दर काला, मनोज , तरशेम, रघबीर व रणधीर ने याचिकर्ता बलकार पर गंडासी, लोहे की रॉड व अन्य तेजधार हथियारों से
हमला किया था, इस हमले में याचिकर्ता बलकार गंभीर
रूप से जख्मी हो गए थे।
निचली अदालत ने सभी छह आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें तीन साल की
सश्रम कैद की सजा सुनाई थी। आरोपियों की अपील को भी सेशन जज ने भी नवम्बर 2014 में रद्द करते हुए तीन साल की सजा को बरक़रार रखा । दोषियों ने इस
फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने उनकी सजा को जेल में
बिताई गई 6 महीने की अवधि तक घटा
दिया था।
बलकार
ने अपने ऊपर हुए हमले के मामले में छह व्यक्तियों की सजा कम
करने के पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी
थी। सुप्रीम कोर्ट
में याचिकर्ता ने गुहार लगाईं है की आरोपी बहुत सारे अपराधिक मुक्क्द्मों में
संलिप्त हैं और हाई कोर्ट के फैंसले के बाद दोषियों के हौंसले और ज्यादा बुलंद हो
गए हैं और गाँव में आरोपी ये कहते हुए ताने देते हैं कि इतने साल कोर्ट के धक्के
खाने के बाद भी याचिकर्ता उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाया ।
याचिकर्ता
के वकील की दलील सुनने के बाद सुप्रीम
कोर्ट के जज अनिल दवे की अध्यक्षता वाली पीठ ने पीड़ित बलकार को तीन लाख रुपये का हर्जाना के
एक महीने के अन्दर देने के आदेश दिए हैं । इससे पहले भी पूर्व न्यायाधीश बालकृष्णन ने भी
कहा था कि छोटे-मोटे अपराध और संपत्ति से जुड़े अपराध के मामले में पीड़ित को
हुए नुकसान के अनुपात में आरोपी व्यक्ति को इसकी भरपाई के निर्देश दिए जाने चाहिए।
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