Tuesday, May 31

सूचना प्रदान करने में हुई देरी के लिए जुर्माना लगाने के लिए नहीं चलेगी सूचना आयोग की मन मर्ज़ी: हाई कोर्ट



सूचना के अधिकार के अंतर्गत सूचना के देने में देरी करने पर क्या सूचना आयोग सूचना अधिकारी को सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ सकता है? इस सवाल को एक सेवानिवृत अध्यापिका चंद्रकांता ने अपने वकील प्रदीप रापडिया के माध्यम से हाई कोर्ट के सामने उठाया था मामले में याचिकर्ता के वकील व सरकार के पक्ष को सुनाने के बाद हाई कोर्ट के जज राकेश जैन ने सूचना आयोग के फैंसले को रद्द करते हुए अपने फैंसले में कहा है कि सूचना आयोग दोषी अधिकारी को सिर्फ चेतावनी देकर नहीं छोड़ सकता
दरअसल कैथल सेवानिवृत अध्यापिका चंद्रकांता ने आर.टी.आई के माध्यम से लम्बे समय से लंबित अपने वेतन से सम्बन्धित काम के बारे में सूचना मांगी थी लेकिन ना तो सूचना अधिकारी ने व ना ही विभागीय अपीलीय अधिकारी ने सूचना के अधिकार क़ानून में निर्धारित समय सीमा ३० दिन के अन्दर सूचना प्रदान की ऐसे में प्रार्थी  को राज्य सूचना आयोग की शरण लेनी पड़ी सूचना आयोग में सुनवाई के एक दी पहले प्रार्थी को सूचना प्रदान की गई लेकिन सूचना आयोग ने सूचना देने में हुई देरी के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, कैथल के सूचना आधिकारी को बिना कोई जुर्माना लगाये सिर्फ भविष्य में सतर्क रहने की चेतावनी देकर छोड़ दिया  
 याचिकर्ता ने अपने वाकी प्रदीप रापडिया के माध्यम से हाई कोर्ट गुहार लगाते हुए कहा की सूचना प्रदान करने में देरी करने के लिए अधिकारी को सिर्फ चेतावनी देकर नहीं छोड़ा जा सकता याचिकर्ता के वकील ने बहस के दौरान हाई कोर्ट में दलील दी कि सूचना के अधिकार क़ानून में सूचना समय पर प्रदान न करने की स्थिति में सूचना अधिकारी पर  सूचना देने में हुई देरी के दिनों के लिए ढाई सौ रुपये प्रतिदिन की हिसाब से जुर्माना निर्धारित है और सूचना आयोग के पास जुर्माना लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है जुर्माना न लगने के कारण अधिकारी सूचना के अधिकार क़ानून को गम्भीरता से नहीं लेते हाई कोर्ट ने याचिकर्ता के वकील की बहस सुनने के बाद सूचना आयोग के फैंसले को रद्द करते हुए हिदायत दी है कि सूचना देने में देरी के लिए दोषी अधिकारी को सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ने की आयोग के पास कोई अधिकार नहीं है और सूचना के अधिकार कानून के अंतर्गत अधिकतम पच्चीस हज़ार रुपये जुर्माना लगाने के के अलावा आयोग के पास कोई अन्य विकल्प नहीं है भविष्य में सूचना आयोग को अपने फैंसले हाई कोर्ट की सख्त हिदायत के अनुसार ही देने होंगे

SEE LINK FOR ORIGINAL JUDGEMENT OF 

HIGH COURT

http://phhc.gov.in/download_file.php?auth=Li9wZGYvZm8vQ1dQXzE3NzU4XzIwMTRfMTlfMDVfMjAxNl9GSU5BTF9PUkRFUi5wZGY= 

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