Wednesday, January 31

हाई कोर्ट के जवाब माँगने पर गाँव बालू के सरकारी अस्पताल को मिला डॉक्टर व अन्य स्टाफ ।

बालू गांव का सरकारी अस्पताल

हाई कोर्ट के जवाब माँगने पर गाँव बालू के सरकारी अस्पताल को मिला डॉक्टर व अन्य स्टाफ  
सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं न मिलने पर गांव बालू के बुजुर्ग, महिलाओं व विकलांगों द्वारा हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में हाई हाईकोर्ट द्वारा केंद्र व राज्य सरकार से जवाब माँगने के बाद बालू पी.एच.सी. में तुरंत प्रभाव से एक डॉक्टर व फार्मासिस्ट, नर्स व वार्ड बॉय की नियुक्ति की गई है ज्ञात रहे की सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं न मिलने पर गांव बालू के ग्रामीणों द्वारा हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका पर बुधवार 24 जनवरी को सुनवाई हुई थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र व राज्य सरकार से आठ फरवरी को जवाब मांगा था  सोमवार को सिविल सर्जन कैथल ने चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कलायत को पत्र लिखकर हिदायत दी कि गाँव बालू की महिला संतो व अन्य ने केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ केस डालकर स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग व उस पर उच्च अधिकारियों के आदेशों के मध्यनज़र गाँव के अस्पताल में तुरंत प्रभाव से एक डॉक्टर व फार्मासिस्ट, नर्स व वार्ड बॉय की नियुक्ति की जाए नियुक्त किए गए डॉक्टर का मुख्यालय भी गाँव बालू में ही होगा    केंद्र व राज्य सरकार को आठ फरवरी तक हाई कोर्ट में जवाब दायर करना है गांव बालू के ग्रामीणों ने अपने वकील प्रदीप रापडिया के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर करके कहा था कि गांव वालों ने अस्पताल निर्माण के लिए वर्ष 2000 में अपनी जमीन सरकार को दी थी। जमीन पर अस्पताल तो बना दिया, लेकिन सरकार ने अस्पताल में मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई। ग्रामीणों ने कोर्ट को बताया कि उनके वकील प्रदीप रापडिया द्वारा डाले गए आरटीआई आवेदन के जवाब में स्वास्थ्य विभाग ने खाली पदों की सूचना दी है। ग्रामीणों ने बताया कि वे मामले को लेकर अदालत नहीं आना चाहते थे। उन्होंने पहले स्थानीय नेताओं के सामने गुहार लगाई फिर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज व स्वस्थ विभाग के सचिव को लिखकर कर कम से कम डॉक्टरों के खाली पड़े पदों को भरने की गुहार लगाई। उनके वकील प्रदीप रापडिया ने भी केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय व हरियाणा सरकार को लीगल नोटिस भेजकर अस्पतालों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए कहा। जब केंद्र सरकार व हरियाणा सरकार स्वास्थ्य सुविधाएं देने में विफल रही। कहीं से भी कोई मदद नहीं मिली तो मजबूर होकर उन्हें हाई कोर्ट जाना पड़ा। हाईकोर्ट के जज ने ग्रामीणों के वकील प्रदीप रापडिया की दलील के बाद केंद्र सरकार व हरियाणा सरकार को 8 फरवरी याचिका का जवाब दायर करने की हिदायत दी थी 


इससे पहले गांव बालू के सरकारी स्कूल के छटी से दसवीं कक्षा टेक छात्रों ने प्रदीप रापडिया वकील के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका डालकर अध्यापकों के खाली पड़े पदों को भरने व स्कूल इमारत बनवाने की माँग की थी हाई कोर्ट द्वारा सरकार से जवाब मांगने के बाद सरकार ने स्कूल में अध्यापक उपलब्ध करवाए थे और पुरानी ईमारत गिराकर नई ईमारत का निर्माण किया था  

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