स्वच्छ भारत अभियान-सेस लागू: बहुत हुआ झाड़ू का ड्रामा ! झाड़ू से काम नहीं चलेगा! जेब भी खाली करनी होगी !
स्वच्छ भारत अभियान-सेस लागू: बहुत हुआ
झाड़ू का ड्रामा ! झाड़ू से काम नहीं चलेगा! जेब भी खाली करनी होगी !
आज मेरे
मोबाइल पर मेरी मोबाइल कंपनी की तरफ से ये मेसेज आया “As
per Government Mandate Swachh Bharat Cess-SBC
will be levied 05% from 15th November, 2015” आज अगर आप मुवी देखने
जा रहे है, रेस्टोरेंट में खाना
खाने जा रहे है या फिर ट्रेन टिकट बुक
करने वाले है तो ज्यादा पैसे देने के लिए तैयार हो जाइए। क्योंकि अब हर तरह की सर्विस
जिनका इस्तेमाल आप और हम करते है उन पर स्वच्छ
भारत सेस चुकाना पड़ेगा। यानि, अब आपको चुकानी पड़ेगी
स्वच्छता की कीमत।
अब आपको 0.5 फीसदी
ज्यादा सर्विस टैक्स चुकाना पड़ेगा क्योंकि हर तरह की सर्विस जिनका इस्तेमाल आप और हम करते
हैं उन पर स्वच्छ भारत सेस लागू हो
गया
है। अब रेस्टोरेंट में खाना खाना हो या टेलीफोन करना या फिर कहीं ट्रैवल करना हर कुछ महंगा हो गया है। मान
लीजिए आप किसी मूवी का टिकट खरीदते हैं और इसकी मूल कीमत है 100 रुपये। तो 14.5
फीसदी
की दर से आपको इस पर टैक्स देना होगा 14 रुपये 50 पैसे। इसे जोड़ने के बाद आपको देने होंगे कुल 114 रुपये 50 पैसे। इनमें
एसी रेस्टोरेंट में खाना, सैलून या ब्यूटी
पार्लर में जाना, रेडियो टैक्सी में सफर करना या इंश्योरेंस
पॉलिसी का प्रीमियम देने जैसी सर्विसेज भी
शामिल हैं।
अब मैं समझा
सरकार बनते ही झाड़ू उठाने का राज़ अच्छे से समझ पा रहा हूँ । दरअसल ‘स्वच्छ भारत टैक्स’ का भार लोगों पर लादने के लिए लोगों को
दिमागी रूप से तैयार किया जा रहा था। अब तो गैस पर सब्सिडी छोड़ने की प्रचार-प्रसार के नारे व टी.वी. पर ऐड
को देखकर डर लगने लगा है, कहीं ये भी दूसरा भार लादने के लिए लोगों को दिमागी रूप
से तैयार करने की
मुहीम तो नहीं? पानी तो
पहले ही लोग खरीद कर पी ही रहे हैं ! बचपन से ही हमने देखा कि गाँव में सब लोग घर के
नोहरे/बैठक में आने-जाने वालों के पानी पीने लिए के मटके रखते थे । फिर आँखों से सामने
देखा कि लोग बोतलबंद पानी ‘खरीद’ कर
पीने लगे । श्याम को लोग शौच के लिए खेतों में जाते थे, फिर टॉयलेट्स बनने लगे। आज स्वच्छ रहने के लिए टैक्स देना पड़ रहा है ! कलको अगर
मेरी कमीज़ साफ़ नहीं होगी तो कोई सरकारी कर्मचारी आएगा और कहेगा की आपकी शर्ट
धुलवाई के लिए सरकार ने 0.5% टैक्स लगाने का फैंसला लिया है !
बढ़िया
सड़क प्रयोग करने के लिए हम लोग पहले से ही टोल टैक्स के रूप में वशुली दे रहे हैं
! बढ़िया सड़क प्रयोग करने में जो थोड़ा बहुत समय बचता है वही समय वशुली देने में लगे
जाम में चला जाता है !
इसके
बाद कहेंगे कि सांस लेने पर भी टैक्स देना होगा ! और फिर नारा होगा कि ‘क्यों
ना हम भावी पीढ़ियों के लिए ओक्सिजन को संरक्षित करने के लिए ‘ओक्सिजन टैक्स’ देने
की पहल करें’ ! फिर कुछ मशहूर फ़िल्मी हस्तियाँ आगे आएँगी को ‘ओक्सिजन टैक्स’
देने की मुहीम में बढ़-चढ़ कर भाग लेंगी ! और फिर एक दिन हम सबके मोबाइल पर मेसेज
आएगा कि “भारत सरकार के निर्देशानुसार हर काम के लिए 0.5%
‘ओक्सिजन टैक्स’
लगा दिया गया है।
स्वच्छ भारत सेस की मार सबसे ज्यादा गरीब आदमी की जेब पर पड़ेगी। गरीब आदमी से ज्यादा खतरनाक गन्दगी फैक्ट्री वाले फैलाते हैं, लेकिन
उन पर कोई अतिरिक्त भार नहीं है। मई ना तो किसी राजनितिक पार्टी के पक्ष में हूँ ना ही विरोध में,
लेकिन मार पड़ रही है तो आह तो निकलती ही है !
सभी
एम्.पी., एम्.एल.ए व बड़ी-बड़ी कंपनियों के मालिकों को अपनी एक दिन की तन्खवाह स्वच्छ भारत कोष में देनी चाहिए! लेकिन क्या ऐसा होगा?
No comments:
Post a Comment