Friday, December 18

हाई कोर्ट का हुडा के 10 करोड़ से ऊपर के प्लाटों की नीलामी में धांधली को लेकर हुडा को नोटिस



 मोदी सरकार का सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार पर लगाम करने के लिए ई टेंडर  व्यवस्था बहुत बड़ी उपलब्धि के रूप में गिनवाया जा रहा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ई टेंडर  व्यवस्था लागू करने की भी वकालत की थ लेकिन विन्सोफ्ट टेक्नोलॉजी नामक एक शैक्षणिक संस्था ने हुडा के दस करोड़ से ऊपर वाणिज्यिक प्लोट की ऑनलाइन टेंडर के माध्यम से हुई सफल नीलामी को धांधली व भ्रस्टाचार के चलते रद्द करने के फैसले को अपने वकील प्रदीप रापडिया के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दी है।

याचिकर्ता के वकील प्रदीप रापडिया ने बहस के दौरान कोर्ट को बताया कि भ्रष्टाचार  पर लगाम लगाने के लिए हरियाणा सरकार ने हुड्डा के फरीदाबाद स्थित दस करोड़ से ऊपर की वाणिज्यिक प्लोट की ऑनलाइन टेंडर  के माध्यम से बोली लगवाई थी। याचिकर्ता ने भी हुड्डा के सात करोड़ रुपये में आरक्षित किए गए प्लाट की दस करोड़ की सबसे ऊपर की बोली लगाईं थी और उसने प्लोट के लिए 10 करोड़ रुपये भी जमा करवा दिए थे । लेकिन भ्रस्टाचार के माध्यम से अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए टेंडर को रद्द कर दिया । याचिकर्ता के वकील ने कहा कि पहली बार प्रदेश में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करने के लिए व पारदर्शिता को बढ़ावा देने के अभियान के तहत हरियाणा में सभी प्रकार के टैंडर्स को एक अन्तराष्ट्रीय संस्था नेक्स्टेंडर लिमिटेड कंपनी के माध्यम से ऑनलाईन किया गया है । सरकार ने यहाँ तक दावा किया कि ई टेंडर  के माध्यम से पारदर्शिता का स्तर इतना बढ़ जाएगा कि एक रुपये के ठेके में मंत्री तक की दखलअंदाजी नहीं होगी ।
            लेकिन पहली बार में ही भ्रष्टाचार व धान्दली के चलते सबसे अधिक बोली लगाने पर भी, याचिकर्ता की सफल बोली को निरस्त कर दिया कोर्ट ने बहस सुनने के बाद हुड्डा को 6 जनवरी तक जवाब करने के आदेश दिए हैं

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