चंडीगढ़: मंगलवार- कुरुक्षेत्र जिले की शाहबाद नगरपालिका में सड़कों के
निर्माण कार्यों में हुए भ्रस्टाचार हो रही जांच
पूरी करने के लिए हाई कोर्ट के जज राकेश जैन ने हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो के निदेशक
को दो महीने का समय दिया है । ज्ञात रहे कि हाई कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए वीरवार को
विजिलेंस ब्यूरो से पुछा था कि मुख्मंत्री के विजिलेंस जांच के आदेशों के बावजूद भ्रष्ट अधिकारयों पर शिकंजा
कसने में और कितना वक़्त लगेगा? कोर्ट में
विजिलेंस की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि विजिलेंस ब्यूरो ने सड़कों के निर्माण कार्य में प्रयोग हुई सामग्री के नमूने
मधुबन लैब में भेज दिए हैं । इस पर याचिकर्ता राकेश बैंस के वकील प्रदीप रापडिया ने कोर्ट को बताया कि
विजिलेंस ब्यूरो की जांच सिर्फ सड़कों के निर्माण कार्य में प्रयोग हुई सामग्री के नमूने मधुबन लैब भेजने
तक ही सिमित हो गई है जबकि जांच के अन्य पक्षों पर जैसे कि नगरपालिका के
अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों के बिल पास करने
के लिए दो प्रतिशत की घूस माँगने की आवाज़
याचिकर्ता द्वारा उपलब्ध करवाई गई सी.डी. में दर्ज होना व कागजों ने बनी दिखाई गई पूरी की
पूरी सड़क का गायब हो जाना, अधिकारियों द्वारा आय से अधिक सम्पति अर्जित करने जैसे
पक्षों पर विजिलेंस
मौन धारण किये हुए है ।
इस पर सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि विजिलेंस भ्रष्ट अधिकारियों की आवाज़ के
नमूने (वॉईस सैंपल) लेकर लैब भेजने जा रही है । जाँच पूरी करने के लिए विजिलेंस की
तरफ से छे महीने का समय माँगा गया, लेकिन हाई कोर्ट ने जांच पूरी करने के लिए सिर्फ
दो महीने का समय दिया है । जाँच पूरी होने
के बाद जुलाई में विजिलेंस हाई कोर्ट को रिपोर्ट पेश करेगी ।
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