सेवा में,
३. सुभास बराला, अध्यक्ष,
विषय: श्री उमेश अग्रवाल, बी.जे.पी. विधायक, गुडगाँव विधानसभा द्वारा एक बलात्कारी को बचाने के लिए गवाह पर दबाव बनाना व दुष्कर्म पीडिता के खिलाफ टेलीविज़न पर अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने के लिए शिकायत।
श्रीमान जी,
१. मैंने नगर निगम गुडगाँव के उप-महापौर के विरुद्ध दो दो बार बलात्कार करने के जुर्म में ऍफ़.आई.आर. दर्ज करवाई हुई है । व उसके बाद मुकद्मे वापिस लेने का दबाव डालने की नियत से मुझ पर हमला करवाने के जुर्म में ऍफ़.आई.आर. दर्ज करवाई हुई है । लेकिन आज तक एक भी मुकदमे में गिरफ्तारी नहीं हुई है ।
२. मुझे ये जानकार बड़ा दुख हुआ कि श्री उमेश अग्रवाल, बी.जे.पी. विधायक, गुडगाँव विधानसभा, लगातार उपरोक्त बलात्कारी को ना सिर्फ सरंक्षण दे रहा है बल्कि मुझ पर पैसे का प्रलोभन देकर व धमकी देकर लगातार दबाव बना रहा है । सात नवम्बर २०१५ को परमिंदर कटारिया के दफ्तर में काम करने वाले एक कर्मचारी संदीप पांचाल को मध्यस्थ के तौर पर प्रयोग करते हुए मेरे पास मौजूद सी.डी. में बोल रहे है कि “अब वो( परमिंदर) बड़ा सा अमाउंट उसको (मुझे) देके सेटल कर सकता और मान लो अन्दर हो गया..बाद में सेटल करेगा तो कम पैसे में करेगा..मान लो आप सेटलमेंट नहीं करवाओगे तो किसी और के थ्रू सेटल होगा..” भाई साब जो औरत अपने घरवाले की ना हुई और जो इसकी ना हुई तो वो आपकी क्या होगी....मैंने आपके सामने कहा था उस औरत को कि तू कोई सती-सावित्री तो है नहीं की तेरे साथ ये कर दिया वो कर दिया..बी दुनिया में एक तू ही रह गयी, ऐसा नहीं होता हर चीज़ समाज में; दुनिया में प्रेम-प्यार से निपटती है, और जब वो हाथ जोड़ रहा है..मैंने कितनी बार कही कि वो तेरे पैर पकड़ लेगा और के फांसी तोड़ेगी उसे” मै आपको बहुत बढ़िया ऑफर दे रहा हूँ..मै तो डायरेक्ट दे नहीं सकता की जो पैसे लेने है, अपने ले-देकर निपटाकर चुपके से नक्की हो जाओ...वो ब्याह करके भी पैसे ही तो माँगना चाहती है” (रिकार्डेड वोइस इ.मेल के साथ सलंगन है)
३. जब मैंने उमेश अग्रवाल के रुपये के ऑफर ठुकरा दिया उसने मेरी इज्ज़त उछालने के लिए दस मार्च २०१६ को हरियाणा न्यूज़ चैनल पर सरेआम मेरे बारे में कहा कि, “ये जो महिला है ये महिलाओं के नाम पर कलंक है”
४. मैं समझ नहीं पा रही हूँ मै महिलाओं के नाम पर कलंक कैसे हूँ ? क्या मैंने एक प्रभावशाली डिप्टी मेयर के खिलाफ शिकायत करके सभी महिलाओं को कलंकित कर दिया है ? बीजेपी विधायक ने एक बलात्कारी को बेचारा बना दिया है और पीड़ित महिला को ‘महिला है ये महिलाओं के नाम पर कलंक’ घौसित कर दिया है । और आपके विधायक की ये हिम्मत तो तब है जब मैंने अपने वकील प्रदीप रापडिया के माध्यम से दोषी की अंतरिम जमानत को रद्द करने की याचिका लंबित है । अगर मुझे हाई कोर्ट के आदेशों से सुरक्षा नहीं मिली होती तो विधायक उमेश अग्रवाल व डिप्टी मेयर परमिंदर कटारिया कब के मेरी हत्या करवा चुके होते ।
५. इससे पहले बीजेपी विधायक उमेश अग्रवाल के खिलाफ एक महिला की शिकायत पर नशीला ड्रिंक पिलाकर उससे रेप करने का मुकदमा दर्ज है । अब एक तथाकथित बलात्कारी दुसरे बलात्कारी को बचाने के लिए महिलाओं के खिलाफ ज़हर उगल रहा है । ऐसे में देश भर में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे नारे देने वाली और महिलाओं की सुरक्षा पर लंबी-चौड़ी बाते करने वाली भारतीय जनता पार्टी के घर में ‘चिराग तले अंधेरा’ की कहावत इन सच होती दिखाई दे रही है
६. यदि बी.जे.पी. विधायक एक महिला के प्रति इस तरह भाषा का इस्तेमाल कर रहा है तो साफ़ है कि बी.जे.पी. महिलाओं का कितना सम्मान करती है । ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'बेटी बचाओ' मुहिम का कोई मतलब नहीं रह जाता
७. यदि बीजेपी बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ का नारा सच साबित करना चाहती है तो उन्हें उमेश अग्रवाल, बी.जे.पी. विधायक, गुडगाँव विधानसभा को तुरंत पार्टी से निष्काषित कर देना चाहिए ।
८. बीजेपी विधायक उमेश अग्रवाल की अपमानजनक टिपण्णी सुनने के बाद ऐसा लगता है जैसे पूरी हरियाणा सरकार व प्रशाशन बलात्कारी डिप्टी मेयर को बचाने की मुहीम में लगा हुआ है । ऐसे में मेरी जैसी महिला के पास आत्महत्या जैसा कदम उठाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता ।
इसलिए मेरी आप लोगों से हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि उपरोक्त मामले का संज्ञान लेते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करके मुझे न्याय दिलवाने में मदद करें ।
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