हरियाणा के अलग अलग जिलों में मृत
व्यक्तियों को करोड़ों रुपये पेंशन के रूप में देने कि मामले कि सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के जज
एम.एम.एस.बेदी ने हरियाणा सरकार को नोटिस ज़ारी करते हुए जवाब तलब किया ! आर.टी.आई.
कार्यकर्त्ता राकेश बैंस ने अपने वकील प्रदीप रापडिया के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर
करके पुरे हरियाण में हुए पेंशन वितरण में हुए घोटाले की सीबीआई जांच
कराने की मांग की और आरोप लगाया कि तत्कालिन सरपंचों व नगर पालिका के पार्षदों ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत करके ऐसे व्यक्तियों को पेंशन
वितरण कि जो स्वर्ग सिधार चुके हैं और सरकार को करोड़ों रुपये का चुना लगाया। याचिकर्ता के वकील का कहना है कि मृत लोगों के नाम से हड़पी कुछ पेंशन राशि सरकारी खजाने
में वापस जमा होने और आरोप सिद्ध होने के बावजूद सम्बंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई।
याचिकर्ता के वकील प्रदीप रापडिया ने
कोर्ट को बताया कि याचिकर्ता व पुरे हरियाणा के अलग अलग जिलों से लोग हरियाणा
सरकार को लगातार पत्र लिखकर पेंशन घोटाले में
संलिप्त अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की माँग करते आ रहे हैं लेकिन सरकार ने जाँच करना तो दूर अभी तक मुकदमा तक दर्ज
नहीं किया है ।
याचिकर्ता के वकील ने कुरुक्षेत्र
जिले का उदाहरण देते हुए हाई कोर्ट को बताया कि साल २०१३ से लेकर अब तक कैग कि
ऑडिट रिपोर्ट, कुरुक्षेत्र जिले के उपयुक्त की रिपोर्ट से साफ़ है कि पेंशन वितरण
में भारी घोटाला हुआ और समाज कल्याण विभाग के आला अधिकारियों के
संलिप्त होने के साफ़ संकेत हैं; लेकिन इसके बावजूद हरियाणा सरकार ने मुकदमा तक
दर्ज नहीं किया । ऐसे में हरियाणा सरकार के विजिलेंस विभाग पर से विश्वास उठने पर याचिकर्ता के
पास सीबीआई जाँच कि माँग करने के अलावा कोई
विकल्प नहीं है।
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