चंडीगढ़ : 24 अगस्त- हरियाणा की किसान मंडियों में मार्किट कमेटी के अधिकारियों
व आढतियों की मिलीभगत से फसलों की खरीद-बेच
के दौरान हो रहे भ्रस्टाचार, कुशासन व गंभीर अनियमिताओं के दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही ना
होने के मामले में हाई कोर्ट ने शुक्रवार को हरियाणा सरकार के कृषि एवं किसान
कल्याण विभाग के मुख्य सचिव व हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक सहित छे
अधिकारियों को नोटिस ज़ारी किया है । जिला जींद के किसान
रामफल श्योकंद ने अपने वकील प्रदीप रापड़िया के माध्यम से दायर याचिका में कोर्ट को बताया की उसने
सी.एम. विंडो पर उचाना मंडी में मार्किट कमेटी के सचिव, मंडी सुपरवाइजर व आढतियों
की मिलीभगत से हो रहे भ्रस्टाचार, गबन व अनियमिताओं के सम्बन्ध में शिकायत दर्ज
करवाई थी। सी.एम. विंडो पर दर्ज
शिकायत में कहा गया था कि मंडी
में बिना बोली के (उचंती में) फसल
खरीदने-बेचने के लिए हर एक ट्रेडिंग फर्म से
रिश्वत के रूप में एकमुश्त राशि मार्किट
कमेटी उचाना (जींद) के सचिव के पास पहुँचती है । शिकायत पर आढतियों को नोटिस ज़ारी कर दिया जाता है और बाद में नोटिस के
जवाब लिए बिना और बिना कोई कार्यवाही किए; रिश्वत लेकर मामला बंद कर दिया जाता है । ऐसे में सचिव द्वारा नोटिस
ज़ारी करना सिर्फ रिश्वत उगाही कर तरीका बनकर रहा गया है । शिकायत में ये भी कहा गया कि फसल के आगमन के लिए ज़ारी गेट पास में भारी धांधली
की जाती है और भ्रष्टाचार के बोलबाले में अक्सर अधिकारियों व फर्मों के
बीच किसानों को पीसना पड़ता है । इसलिए याचिकर्ता ने किसानों की फसल के खरीद-बेच के दौरान दौरान मार्किट कमेटी उचाना
(जींद) के सचिव द्वारा अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी रिकॉर्ड तैयार करके से
व अन्य तरीकों से भ्रस्टाचार, गबन द्वारा किसानों व सरकार को वितीय हानि पहुंचाने मामले में सम्बंधित अधिकारियों के खिलाफ
भ्रस्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुक्क्द्मा दर्ज करके आय से अधिक अर्जित की गई
सम्पत्ति की जाँच की मांग की थी ।
शिकायत पर जिला विपणन प्रवर्तन अधिकारी
द्वारा की गई जाँच में याचिकर्ता की शिकायत सही पाई गई और जाँच रिपोर्ट हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक को
भेजकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए लिखा गया, लेकिन ना तो दोषी
अधिकारियों व आढतियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई और ना ही भ्रस्टाचार व अनियमिताओं को रोकने के लिए
कदम उठाए गए । याचिकर्ता ने मुख्मंत्री व हरियाणा सरकार के कृषि एवं
किसान कल्याण विभाग के मुख्य सचिव व हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक को प्रदीप रापड़िया एडवोकेट के माध्यम से लीगल नोटिस भेजकर मामले में
कार्यवाही करने की भी गुहार लगाई, लेकिन कोई भी कार्यवाही ना होने पर याचिकर्ता को
हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाना पड़ा । ऐसे में याचिकर्ता ने हाई कोर्ट में दोषी
अधिकारियों के खिलाफ भ्रस्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत कार्यवाही करने व
भ्रस्टाचार व अनियमिताओं को रोकने के लिए मंडी में सी.सी. टी.वी.
कैमरे लगाकर मंडी की गतिविधियों को ऑनलाइन करने
की गुहार लगाई है । इसके अलावा किसान मंडी में
सूचना के अधिकारी के तहत बिना मांगे की किसानों को मूलभूत सूचनाएं प्रदान करने की
गुहार लगाई है । हाई कोर्ट के जज राकेश जैन ने
सभी सम्बंधित अधिकारियों को 17 अक्तूबर तक जवाब दायर करने की हिदायत दी है ।
No comments:
Post a Comment